वाहन चोरी होने पर क्या करे
अगर आपकी भी गाड़ी चोरी हो गई है तो आपको टेंशन
न लेकर होशियारी से काम लेना चाहिए. सही वक्त पर सही निर्णय लेने से आप इस स्थिति में आसानी से निपट सकते हैं.
गाड़ी चोरी होने के बाद अक्सर लोग एक बड़ी गलती करते हैं। वे पुलिस को इंफॉर्म करने के बजाए खुद ही गाड़ी ढूंढने में कई घंटे बर्बाद कर देते हैं। लेकिन बेहतर होगा कि गाड़ी खुद ढूंढने की बजाय आप सबसे पहले पुलिस को इंफॉर्म करें।
गाड़ी चोरी होने के बाद क्या करना है — गाड़ी चोरी होने पर सबसे पहला काम है उसकी FRI कराना। इससे गाड़ी मालिक कई तरह से सेफ हो जाता है। इसके अलावा गाड़ी बेचते समय भी कुछ कानूनी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गाड़ी चोरी होने पर FIR :- दपत्तर, घर या किसी पार्टी से बाहर निकलते ही अगर किसी को यह पता चलता है कि उसकी गाड़ी चोरी हो गई है, तो सबसे पहले उसे पुलिस को 100 नंबर पर कॉल करना चाहिए। उसे यह भी बताना चाहिए कि गाड़ी उसने कितने बजे पार्क की थी और उसे कब पता चला कि गाड़ी गायब हो गई है। इसके बाद FIR कराना जरूरी है। FIR कॉल करने से FIR कराने में मदद मिलेगी। FIR में यह लिखना भी जरूरी है कि गाड़ी कितने बजे गायब हुआ है ।
अगर किसी का गाड़ी गायब हो जाए और FRI कराने में वह घंटों की देरी कर दे, तो उसे नुकसान हो सकता है। हो सकता है, इन घंटो के दोरान उस गाड़ी से किसी वारदात को अंजाम दे दिया जाए। अगर ऐसा हुआ तो जिम्मेदारी गाड़ी मालिक की बनेगी। मान लीजिए, किसी की गाड़ी। सुबह 7बजे चोरी हुई। यह शख्स न तो FIR कॉल करता है और न ही तुरंत FIR कराता है, बल्कि खुद ही गाड़ी की तलाश करने लगता है।
शाम को यह शख्स जब FRI कराने पहुँचता हैं, तो उसे पता चलता है कि सुबह को उसी गाड़ी का इस्तेमाल किसी को हत्या करने में किया गया। ऐसे में शक की पहली सुई गाड़ी के इस निर्दोष मालिक की तरफ आ गया । अगर इस शख्स नें वारदात होने से पहले ही FRI दर्ज करा दिया होता तो उसका बचाव हों जाता। अगर FIR उससे पहले दर्ज नहीं है, तो पुलिस पहली नजर में गाड़ी मालिक के खिलाफ वहीं दफा लगाती है, जो उस वारदात में बनती है।
ये तो गाड़ी चोरी होने के बाद फ़ौरन लेने वाला एक्शन है लेकिन आपको अपनी गाड़ी चोरी होने के बाद काम करने चाहिए:-
1. जमा करे सारे जरूरी कागज़ात - सबसे पहले अपने गाड़ी के सारे पेपर्स इकट्ठा करे. जैसे की आरसी, इंश्योरेंस के पेपर्स, ड्राइविंग लाइसेंस. हमेशा ओरिजनल की फोटो कॉपी अपने साथ रखें, ऐसे में अगर ओरिजनल कॉपी भी गाड़ी के साथ चोरी हो जाती है तो आपके पास दस्तावेज़ की कॉपी तो होगी.
2. FIR लिखवाएं - आपके साथ हुई दुर्घटना का पूरी जानकारी देते हुए एक एप्लीकेशन लिखें और इसे नजदीकी पुलिस थाने में जाकर जमा करे, पुलिस कंप्लेन के। साथ ही गाडी के कागज़ात भी जमा करे. आपकी कंप्लेन के आधार पर पुलिस FIR लिखेगी और कार्यवाई शुरू करेगी
4. RTO को भीं सूचित करे - बीमा के लिए क्लेम करने के बाद आपको RTO ऑफ़िस में भी गाड़ी चोरी होने की जानकारी देनी होगी, शिकायत पत्र के साथ सारे दस्तावेजों की कॉपी भी लगाए, FIR की कॉपी और क्लेम की कॉपी भी जरूर लगाएं इसके साथ ही अगर आपके पास अपनी गड़ी की तस्वीर है तो वो भी जमा करें शिकायत की रसीद लेना ना भूलें।
इन सब के अलावा जो सबसे जरूरी है, वो है पीछे पड़े रहना. इसके साथ ही हर ऑफ़िस में जाकर अपने कंपलेन की जानकारी जरूर ले.
गाड़ी बेचने पर पेपर ट्रांसफर : - गाडी बेचते वक्त़ भी कई सावधानियां बरतने को जरूरत है। अगर कोई शख्स अपना गाड़ी बेचता है तो सेल लेटर के। साथ-साथ अपने तमाम दस्तावेज खरीदने वाले को सुपुर्द करता है। अगर गाड़ी खरीदने वाले की मंशा कुछ और हो और वह इस सेल लेटर को अथॉीरिटी में जमा न करके गाड़ी से कोई वारदात कर दे, तो। जिम्मेदारी पहले वाले मालिक की होगी, क्योंकि पुलिस छानबीन में उसके नाम पर ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा।
ऐसे में गाड़ी बेचने के वक्त बेचने वाले को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि गाड़ी के पेपर गाड़ी खरीदने वाले के नाम ट्रांसफर हो गए हैं। बेचने वाले को अपने नाम से एक लेटर बनवा लेना चाहिए जिसमें गाड़ी खरीदने वाले का नाम, खरीद का समय और तारीख का जिक्र होना चाहिए। उस लेटर पर खरीदने वाले के दस्तख़त के साथ-साथ दो गवाहों के दस्तख़त भीं होने चाहिए। इससे बेचने वाला सेफ हों जाता है।
डाइवर के पास हो लाईसेंस :- गाड़ी मालिक को ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है अगर किसी शख्स ने गाड़ी चलाने के लिए ड्राइवर रखा है, तो ड्राइवर के पास वैलिड लाइसेंस होना जरूरी है। ऐसी सूरत में अगर ड्राइवर को लापरवाही से कोई सडक हादसा होता है तो ड्राइवर के खिलाफ क्रिमिनल कैस बनेगा, लेकिन किसी ने अपनी गाड़ी किसी जानने वाले की दी हो, तो हादसे की जिम्मेदारी गाड़ी मालिक की होगी। ऐसे में गाड़ी वाले को यह साबित करना होगा कि घटना के वक्त उसका रिश्तेदार गाड़ी चला रहा था।
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