कुटुम्बसर गुफ़ा
कुटुम्बसर गुफ़ा छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला में जगदलपुर के निकट स्थित है जगदलपुर शहर से 40 कि.मी की दूरी पर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है
इस गुफ़ा को अलग अलग नाम से भी जाना जाता है कोटमसर गुफ़ा, कुटुम्बसर गुफ़ा, कुटुमसर गुफ़ा, गुपानपाल गुफ़ा,आदि के नामों से जाना जाता है, अभी इस गुफ़ा को कोटमसर गुफा के नाम से जाना जाता है, सबसे पहले जब इस गुफ़ा का खोज हुआ था तब इस गुफ़ा को गुपानसर के नाम से जाना जाता था । स्थानीय भाषा में 'कोटमसर' का अर्थ "पानी से घिरा क़िला" है।
खोज
Kutumsar cave |
खोज
इस गुफा की खोज स्थानीय आदिवासीयों द्वारा 1900 के आस आप किया गया था। इस गुफा को सन 1951 में जाने माने जियोग्राफर डाॅ. शंकर तिवारी द्वारा सर्वे किया गया था। यह गुफा कांगेर घाटी नेशनल पार्क के कक्ष क्रमांक 85 में स्थित है। इस गुफा के अदंर 300 मीटर का नया कक्ष है इसका खोज वर्ष 2011 में किया गया।
गुफा की खास बातें
कुटुमसर गुफा की लंबाई 330 मीटर है और 72 मीटर गहरी इस गुफा में नाला बहता है गुफा में पूर्ण अंधकार रहता है। गुफा में स्टेलेक्टाइट एवं स्टेलेंगमाईट चुने पत्थर की संरचनाए कई करोडों वर्ष पुराना हैं ।कुटुम्बसर गुफ़ा में अंधी मछलियाँ पाई जाती हैं। कई वैज्ञानिकों तथा जन्तु विज्ञान शास्त्रियों ने यहाँ पर अपना शोध कार्य किया है, जिसे लेकर पूरे विश्व में इस गुफ़ा की प्रसिद्धि है।
Kutumsar cave |
Kutumsar cave |
विश्वप्रसिद्ध बस्तर की कुटुमसर की गुफाएं कई रहस्यों को अभी भी अपने में समेटे हुए है जिनका भूगर्भ शास्त्रियों द्वारा लगातार अध्ययन किया जा रहा है। भूगर्भशास्त्रियों का कहना है कि करोड़ों वर्ष पूर्व क्षेत्र में कुटुमसर की गुफाऐं स्थित हैं वह क्षेत्र पूरा पानी में डूबा हुआ था। गुफाओं का निर्माण प्राकृतिक परिवर्तनों साथ साथ पानी के बहाव के कारण हुआ।
उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्रालय की एक उच्चस्तरीय समिति ने विश्वप्रसिद्ध इस गुफा की झाँकियों को 26 जनवरी के अवसर पर राजपथ पर प्रस्तुत करने की अनुमति भी प्रदान की।
नोट:
नोट:
अगर आप इस गुफा देखने आते हैं तो टॉर्च लेकर जरूर आना क्योंकि इस गुफा में पूरा अंधेरा रहता है सूर्य की रोशनी गुफा के अंदर नहीं पहुंच पाता है
देखने का सबसे सही समय
यहां घूमने भारत के अन्य राज्यों से और विदेशों से भी टूरिस्ट यहां घूमने आते हैं कुटुमसर की गुफाएं ही नही पूरा बस्तर बहुत अच्छा जगह है अगर आप यहां कभी आ जाए तो बस्तर में जितने भी घूमने लायक जगह है वहां वहां आप जरूर घूम लेना बहुत मजा आएगा नवंबर से अप्रैल तक का समय यहां घूमने के लिए सही समय है। तो इस दौरान ही कुटुमसर की गुफाएं देखने आएं। बरसात के मौसम में गुफा बंद रहता हैं बरसात के मौसम में यहा घुमने ना आये ।
बरसात के मौसम में यहा घुमने ना आये विडियो
कैसे पहुंचे कुटुमसर की गुफा
वायु मार्ग : रायपुर एयरपोर्ट और विशाखापट्नम एयरपोर्ट द्वारा तीरथगढ़ झरने तक पहुंचा जा सकता है। ये दोनों ही एयरपोर्ट यहां से 285 किमी ओर 340 किमी की दूरी पर स्थित हैं। ये दोनों एयरपोर्ट भारत शहरों जैसे बैंगलोर, हैदराबार, कोलकाता और नई दिल्ली से अच्दी तरह से जुड़ा हुआ है। और रायपुर या विशाखापट्नम से जगदलपुर एयरपोर्ट से आया जा सकता है ,रायपुर और विशाखापट्नम से जगदलपुर आने के लिए आप नीचे दिया हुआ लिंक से टिकट बुकिंग कर सकते हो ,।
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रेल मार्ग : कोलकाता, विशाखापट्नम और भुवनेश्वर जैसे शहरों से जुड़ा है जगदलपुर रेलवे स्टेशन जो कि कुटुमसर की गुफा का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। कुटुमसर की गुफाएं से जगदलपुर रेलवे स्टेशन 40 किमी दूर है और आपको यहां से आसानी से टैक्सी मिल जाएगी।
सड़क मार्ग : जगदलपुर छोटा शहर है लेकिन फिर भी छत्तीसगढ़ में ये बुहत लोकप्रिय है। इसलिए ये शहर राज्य की राजधानी रायपुर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पूरा राज्य सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार द्वारा झांसी, इलाहाबाद और कानपुर आदि से यहां के लिए बसें आदि भी चलती हैं जोकि सीधा आपको जगदलपुर या कुटुमसर की गुफा तक ले जाएंगीं
आपको यहां एक बार जरूर घूमने जाना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही अच्छा जगह है और आप यहां घूम कर बहुत मजे ले सकते हो
आज के पोस्ट में बस इतना ही अगले पोस्ट में और नए टॉपिक के साथ मिलते हैं तब तक के लिए बाय अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और नीचे कमेंट करके बताएं कि आपको यह पोस्ट लेख कैसा लगा?
अगर आपके मन में कोई डाउट हो तो आप नीचे कमेंट करके पूछ कर सकते हो?
Thank you…
2 comments
Click here for commentsnice aritical sir
ReplyGreat sites to visit but still you get worried while in the caves for many reasons.
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